मुखबिर के लाभ
 

सरकार नागरिकों से संग्रहित करों के सहयोग से चलती है I  अतःह करा-रोपण एक ऐसी पद्धति है जो कि प्रायः जनता को पसन्दो नहीं आती है I इसलिए करों की व्यापक चोरी होती है तथा सरकार को भारी राजस्वः की हानि उठानी पड़ती है I  कर चोरी रोकने के लिए सरकार ने उन लोगों को पुरस्कृ त करने की पद्धति अपनाई है जो कि कर चोरी को रोकने में सहायता करती है I केन्द्री य उत्पाकद शुल्क में भी उन लोगों को पुरस्कार दिया जाता है जो कर चोरी करने वालों के बारे में सही सूचना देते है I  अतः ऐसे लोगों के लिए कुछ मार्गदर्शन नीचे दिए जा रहे है जो कि केन्द्रीय उत्पासद शुल्क की चोरी रोकने में सहायता करना पसन्दे करते है I

1. सूचना क्या होती है ?
कोई भी महत्वापूर्ण संदेश जो कि सार्वजनिक या अन्य किसी व्येक्ति से प्राप्त होती है तथा वह प्रकरण में कपटपूर्ण कर चोरी को उजागर करती है, सूचना कहलाती है I  इसी संदेश के आधार पर विभागीय अधिकारी आगे की जॉंच एवं अन्वेषण करते हैं I

2. कौन सूचना दे सकता है ?
कोई भी व्यनक्ति जो कि इकाईयों की अवैधानिक विनिर्माणकारी गतिविधियों से जागरूक रहता है या कोई भी केन्द्रीय उत्पाद निर्धारिती भी सूचना दे सकता है I

3. मुखबिर कौन होता है ?
केन्द्रीय उत्पाद शुल्क के अधिकारियों के अतिरिक्तू कोई भी व्यक्ति जिसके पास कर चोरी से सम्ब न्धित अपेक्षित जानकारी होती है, वही मुखबिर कहलाता है I

4. मुखबिर को किससे सम्पषर्क करना चाहिए ?
मुखबिर सूचना सहित केन्द्रीय उत्पाद शुल्कह विभाग में सम्पर्क कर सकता है तथा निरीक्षक या उससे ऊपरी स्तनर रेंक के किसी भी अधिकारी को सूचना दे सकता है I

5. सूचना कैसे दी जाए ?
सूचना लिखित रूप में विभागाध्यरक्ष को सम्बोधित करते हुए दी जानी होती है तथा उस पर सूचना देने वाले व्य्क्ति के हस्ताक्षर या दाएं हाथ के अंगूठे का निशान होना चाहिए ताकि गोपनीयता रखी जा सके I

6. सूचना में क्या निहित होना चाहिए ?
सूचना में दी जाने वाली चोरी का विवरण जैसे इकाई का नाम व पता चोरी के लिए अपनाया गया तरीका, जिम्मेरदार व्य क्ति तथा चोरी से सम्बथन्धित अन्य सुसंगत विवरण निहित होना चाहिए I

7. केन्द्रीय उत्पा्द शुल्क की चोरी के लिए अपनाए जाने वाले सामान्य‍ तरीके क्या‍ है ?
(क) गलत घोषणा/उत्पादन का अधीमूल्यन (अन्डवर वेल्युनएशन)
विभाग को बिना सूचित किए उत्पादों का विनिर्माण, विभाग में उक्ता को कम मूल्या पर दर्शाने के पश्चाणत् उच्चे कीमत पर विक्रय करना I
(ख) उत्पाचदन को छुपा देना I
(ग) चोरी छुपे माल की निकासी करना I
उक्तग माल को लेखा किए बिना तथा बिना शुल्क भुगतान के माल हटाना I यहॉं तक कि उक्ता ट्रांसपोर्टर पर जो इस माल का भण्डाभरण करता है, उस पर भी कार्यवाही की जा सकती है I

8. विभाग किस प्रकार से सूचना प्राप्तो करता है ?
विभाग सूचना की प्राप्ति करता है तथा मुखबिर का नाम व पता गुप्तह रखता है I

9. मुखबिर को क्या लाभ प्राप्त होता है ?
यदि मुखबिर द्वारा दी गई सूचना सही पाई जाती है तथा निर्धारिती द्वारा देय शुल्क की वसूली हो जाती है, तो मुखबिर को कर वसूली का अधिकतम 20 प्रतिशत तक की राशि पुरस्कार के रूप में दी जाती है, जो कि आयकर मुक्त2 होती है I

10. पुरस्कार की राशि क्या है तथा इसे किस प्रकार निस्तारित किया जाता है ?
संग्रहित तथा लगाई गई कर चोरी की 20 प्रतिशत राशि पुरस्कार स्विरूप होती है I अतः उक्त राशि का संवितरण निम्ना‍नुसार होता हैः-
(क) कारण बताओ नोटिस के जारी होने के पश्चात् 25 प्रतिशत तक की उपयुक्तर पुरस्कार राशि I
(ख) प्रकरण के न्या य-निर्णयन के पश्चापत् अन्यु 25 प्रतिशत उपयुक्तत पुरस्कानर राशि I
(ग) अपील प्रक्रियाओं के निर्णयों के पश्चाात् शेष/बकाया की 50 प्रतिशत उपयुक्तक पुरस्कापर राशि I

11. उपर्युक्तप पुरस्कार कब स्वीकृत किया जाता है ?
प्रथमतः दो श्रेणियों के पुरस्काकर प्रकरण में क्रमशः कारण बताओ नाटिस व न्यातय-निर्णयन जारी होने के पश्चारत् अग्रिम पुरस्कार स्वीकृत किए जाते है, बशर्ते पुरस्कार स्वीकृत करने वाला सक्षम अधिकारी इस बात से संतुष्टक हो कि अपील प्राधिकरण में प्रकरण को पोषण का अवसर तार्किक योग्या है I  तीसरे श्रेणी का पुरस्कामर अन्तिम पुरस्कार होता है जो कि अपील प्रक्रियाओं के निर्णयों के पश्चा‍त् स्वीकृत किया जाता है I अतः उक्तक पुरस्काहर का वितरण दो गवाहों की उपस्थिति में मुखबिर की पहचान सुनिश्चित करने के बाद किया जाता है I

12. गलत सूचना देने पर क्या दण्डश देय है ?
यदि विभाग को कोई गलत सूचना देता है तो उसके (मुखबिर) विरूद्ध भारतीय दण्डः संहिता की धारा 182 के तहत् कार्यवाही की जा सकती है I इसके लिए मुखबिर से वचनबद्ध (अंडरटेकिंग) लिया जाता है I
 
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